मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति more info के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
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